ना इधर देखा ना उधर देखा जब से तुझे एक नजर देखा (preetsinghsr)

ना इधर देखा ना उधर देखा 
जबसे तुझे एक नजर देखा 
देखा मेने ऐसे के शर्म से चांद भी फीका पड़ गया
चांद मे तेरा मुखड़ा जो मेने रात भर देखा
क्या बताऊं कल ये तारे जो नाराज हैं।
कह रहे हमसे बुरा कोई नही चांद को अगर देखा
केसे बताऊं उनको के चांद में बात कन्हा 
उसके चेहरे में जन्नत सा एक घर देखा

ऐसे चली लहरा कर के वो तितलियां भी ना उड़ सकी
भंवरे भी शराबी हो गए उसमे फूलो सा असर देखा 
काफिर से थे हम हमको भी इबादत आ गई
तुम्हे जबसे खुदा माना जबसे तेरा दर देखा

@preetsinghsr
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