प्यार मे बहका हुआ आशिक पानी को भी शराब कहता है (preetsinghsr)



कोई खुदा कहता है कोई अजाब कहता है
किसी की रूह मोहब्बत है कोई खराब कहता है
मोहब्बत है बला क्या आखिर मुझसे क्या पूछते हो
प्यार मे बहका हुआ आशिक पानी को भी शराब कहता है
एक खुशबू है जो तेरे आने से चमन मे फैल जाती हैं
मलिका ए हुसन यू ही नही जमाना तुझे गुलाब कहता है 
ना जाने कितनो के दिन और रातें उधार है तुझपे 
ताजा सी सुबह कोई तुझे आधी रात का ख्वाब कहता है 
में तो हवा का झोंका हूं मुझसे दिल न लगा लेना 
मुझसे मिलने वाला हर कोई मुझे लाजवाब कहता है
मोहब्बत तुमको भी है बस तुम इजहार नही करते 
झुकती सी आंखे मुझे देखकर ये दिल सारा हिसाब कहता है
कोई खुदा कहता है कोई अजाब कहता है

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