हाँ वहीँ दर्द दिल में छुपा सा है
मुँह बना के करो बात ना ऐसे
जानते है कि दिल क्यूँ दुःखा सा है
वो वफ़ा क्या मेरी आजमायेगा
जो चेहरा खुद बेवफा सा है....
नासमझ आप तो हो नहीं,पर कुछ
आप से क्या कहे अनकहा सा है
टूटता ही नहीं दर्द से राब्ता
चारो पहर याद का सिलसिला सा है
समीर उसी दर पे अब तक झुका सा है
वो ख़ुदा तो नहीं पर ख़ुदा सा है......
@preetsinghsr
#preetsinghsr
#preet19385
#ps19385
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