मेरी आंखों का शुकून है होंटो की मुस्कान है वो
मेरी मोहब्बत की गजले शायरी की पहचान है वो
थोड़ी सी पागल बहुत ही नादान है वो
जब भी कोई उसका नाम पूछता है
में इतना ही कह पाता हूं
मेरी जान है वो
मेरी जान है वो
यू तो उसके फलक पे सितारे बहुत है
शुक्र खुदा का मूझपे ही मेहरबान हैं वो
उसे देखता हूं तो नजरे खुदा को ढूंढती है
किस हक से कहूं आखिर इंसान हैं वो
जब भी कोई उसका ठिकाना पूछता है
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