कभी तो ऐसा हो! कि मैं तुम💞तुम मैं हो जाऊं। (preetsinghsr)

कभी तो ऐसा हो कि,
तुम मैं💞 मैं तुम हो जाऊं
नहीं हो मेरे आने की उम्मीद
फिर भी तुम इक आस लगाओ
कभी कभी ख्वाबों में ही मुझ तक 
पहुंच कर आओ

तेरे आने की भनक ना हो मुझे
मिलूं मैं मस्ती करते किसी से
आंखों में आसूं लिए, दबे पांव
कभी तुम भी लौट जाओ

मैं भी दूं तुम्हें झूठे दिलासे फिर 
बहाने से तुमसे ही रूठ जाऊं 
मनाने की तरकीब खोजो तुम भी
और मैं तुम्हारी बेवकूफी पर मुस्कुराऊं
कभी तो ऐसा हो कि
मैं तुम💞तुम मैं हो जाऊं

यकीं मानो! मैं भी लगने ना दूंगा
भनक तुम्हें अपने बेवफाई की
फिर भी मांगोगे दुआ
अपने दिल से मेरी रिहाई की
कुछ हसरतें तुम्हारी मैं भी चुराऊं
आंखों में दे के ख्वाब तुम्हारे
सपनों को बेरंग कर  जाऊं
जिस मोड़ पर मिलने की उम्मीद हो तुम्हें
उस मोड़ पर ही तुम्हें भी मैं
अकेला छोड़ जाऊं!

कभी तो ऐसा हो! कि
मैं तुम💞तुम मैं हो जाऊं।

@preetsinghsr
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