आते - आते लबों तक आधे_शब्द खो जाते हैं
मायने का दिल तक पहुँचना और मायने बदल जाते हैं
काश !
ये शब्द कुछ कहे बिना ही सब कह जाते ...
मुस्कानो में ढल कर शब्द महक जाते...
चेहरे पर आकर हर एहसास_छ्प_जाते ...
काश !
हवाओं में सारी अभिव्यंजनाएँ होती...
पीछा कर तुम तक पहुँच पाते...
काश! शब्द को पंख
लग जाते भावों के संग मैं भी
तुम तक आ पाती... ढेरों बाते कर हम
शब्दों को जी लेते... कुछ शब्द गूंगे से
कुछ अर्थ शोर मचाते इनके बीच एक दुनियाँ
हम भी बसा पाते...
छोटी ही सही पर अपनी होती
वो दुनिया कितनी खूबसूरत होती ...
न खोते लबों से शब्द कहीं न अर्थो का मान खोता..
सच तब एक दूसरे को
समझना फिर कितना आसान होता ...
न कुछ खोने का डर न कुछ पाने की चाह
बस मुस्कुरके जिन्दगी बिताने की राह...
@preetsinghsr
#preetsinghsr
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