मिल जाओगे तुम हमें
ख्वाब के उस आसमान पर,
बिना नींद आए आंखों में
अक्सर हम सो लेते हैं।
होंगी तुमसे हजारों बातें हमारी
कुछ खट्टी सी, कुछ मीठी सी,
उन बातों की मिठास लिए दिल में
अक्सर हम सो लेते हैं।
गर रूठ गए तुमसे तो
इस बार मनाने आओगे,
ये सोच, रूठकर तुमसे
अक्सर हम सो लेते हैं।
दिख जाओगे सुबह सिरहाने
हमारी अलसाई आंखों को
सजा दोगे हमारे माथे को
अपने होठों से चूमकर ऐसी
दुआ लिए आंखों में
अक्सर हम सो लेते हैं।
मुस्कुरा दोगे हमारी हर गलती पे
लगा लोगे गले हर रोज
बड़े प्यार से हमें
ऐसा इंतज़ार लिए आंखों में
अक्सर हम सो लेते हैं।
हो जाएंगे तुम और मैं,
हम एक दिन..
ऐसा ख्वाब लिए दिल में,
अक्सर हम खुश हो लेते हैं।
मिल जाओगे तुम हमें
ख्वाब के उस आसमान पर
इसीलिए अक्सर हम सो लेते हैं।
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