""मेरी अंधियारी रातो का तु मेहताब देखना चांहु तेरे ख़्वाब .""" (preetsinghsr)

सुना है..
अच्छा लिख़ लेते हो..
फुरसत मिले तो हमारे लिए भी..
दो..चार ख़्वाब लिख देना ..!
पलकें कब से हैं बेताब...
देखने तुम्हारे लिखे ख़्वाब...
पता है मुकम्मल तो होते नही हैं ख़्वाब ,
कम से कम हसरतें होगी पुरी ..
ख़्वाब मे आपको पाकर ..


     

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